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मगन निवास

मगन निवास

मगनलाल गांधी "गांधीजी"के भतीजे थे और साउथ अफ्रीका में फिनिक्स आश्रम के दिनों से ही उनके सच्चे अनुयायी थे। गांधीजी उनको "आश्रम की आत्मा"कहा करते थे क्योंकि वह एक वास्तुविद् और कुशल प्रबंधक थे। उन्होंने चरखा के अलग-अलग प्रकार के उन्नत डिजाइन प्रस्तुत किए। यह क्रांति का प्रतीक बना जिसने अंत में "खादी" को जन्म दिया। 1928में उनकी मृत्यु के समय गांधीजी की उक्ति थी कि "मैं विधुर हो गया हूं।"

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