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उद्योग मंदिर

उद्योग मंदिर

1918 में अहमदाबाद में मिल मजदूरों की 'ऐतिहासिक हड़ताल' के दौरान इसकी नींव रखी गयी। शुरूआत में गांधीजी इसके छोटे-छोटे कमरों में से एक में रहा करते थे। 'उद्योग मंदिर' मजदूरों की आत्मनिर्भरता और गौरव के प्रतीक चिन्ह् की तरह था। इसने 'खादी के द्वारा स्वराज' के संदेश को देशभर में फैलाया।

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